17
Jan-2015

Water Conductivity Science Experiment – पानी की सुचालकता का प्रयोग

Water Conductivity Science Experiment in Hindi

पानी की सुचालकता का प्रयोग ( water conductivity science experiment) बच्चों के विज्ञान के पाठ्यक्रम का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. बच्चे जब अपनी विज्ञान की किताबों में बिजली, सुचालकता और इलेक्ट्रोलिसिस जैसे विषयों के बारे में पढ़ना शुरू करते हैं, तब आम तौर पर उनके लिए ये सब पाठ्यक्रम में सिर्फ सैद्धांतिक रूप से ही उपलब्ध होता है – प्रायोगिक तौर पर नहीं.

बच्चे इन साधारण विषयों को भी खुद प्रयोग करके देख और समझ नहीं पाते और धीरे-धीरे विज्ञान विषय उनके लिए एक उलझन बनता जाता है.

मैं आज यहाँ आपको एक बहुत ही सरल प्रयोग के माध्यम से पानी की सुचालकता और नमक के पानी की सुचालकता के बारे में बताऊंगा जिसे बच्चे बड़ी ही आसानी से घर पर उपलब्ध सामान की मदद से ही करके देख सकते हैं. इसे मैं यहाँ विडियो के माध्यम से भी दिखा रहा हूँ ताकि इसे समझने में आपको और आसानी रहेगी.

यह प्रयोग सरल होने के साथ ही साथ इतना रोचक भी है कि बच्चे चाहें तो इसे अपने “साइंस फेयर के प्रोजेक्ट” के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

प्रयोग के लिए आवश्यक उपकरण :

  • कांच का ग्लास – 1
  • मैटल क्लिप – 4
  • बिजली के तार के टुकड़े – 3
  • LED बल्ब – 1 (इसे किसी भी फैंसी लाईट जैसे दिवाली में काम आने वाली झालर आदि में से निकाल सकते हैं)
  • छोटी बैटरी – 1
  • डिस्टिल्ड वॉटर (शुद्ध पानी) – 1 ग्लास
  • नमक – 2 चम्मच

प्रयोग के लिए तैयारी :

आइये इस सभी सामग्री से एक छोटा सा सेटअप करते है.

  1. सबसे पहले एक तार के दोनों सिरों पर 2 मैटल क्लिप जोड़ लीजिये.
  2. बाकी बचे दोनों तारों के एक एक सिरे पर 1-1 मैटल क्लिप जोड़ लीजिये. इन तारों का 1-1 सिरा खुला रहने दीजिये.
  3. दोनों तारों के खुले सिरे LED बल्ब से जोड़ दीजिये.
  4. अब दोनों तरफ क्लिप लगा हुआ तार लीजिये और इसका 1 क्लिप काँच के ग्लास के मुंह पर लगा दीजिये.
  5. ठीक इसी तरह बल्ब से जुड़े तार के एक सिरे का क्लिप भी ग्लास के मुंह पर लगा दीजिये.
  6. अब बाकी बचे दोनों क्लिप बैटरी के दो अलग-अलग सिरों से जोड़ दीजिये.

इस प्रकार आपका सेटअप तैयार है.

प्रयोग का विस्तृत विडियो:

 

शुद्ध पानी की सुचालकता जांचने की प्रयोग विधि :

प्रयोग 1 :-

  1. काँच के ग्लास में ऊपर तक शुद्ध पानी (डिस्टिल्ड वॉटर) भर लीजिये ताकि मैटल क्लिप्स कुछ कुछ पानी में डूब जायें.
  2. आप देखेंगे कि शुद्ध पानी (डिस्टिल्ड वॉटर) से बल्ब नहीं जला.

निष्कर्ष :-

  • इसका अर्थ ये है कि शुद्ध पानी बिजली का सुचालक नहीं है.

प्रयोग 2 :-

  1. अब हम इस शुद्ध पानी में 2 चम्मच नमक मिलाते हैं और फिर देखते हैं कि क्या होता है.
  2. आप देखेंगे कि जैसे ही ये नमक इसमें घुलेगा वैसे ही बल्ब जलने लगेगा.

निष्कर्ष :-

पानी में नमक डालने के बाद बल्ब जलने लगा. इसका अर्थ ये हुआ कि नमक का पानी बिजली का सुचालक है. जबकि शुद्ध पानी (डिस्टिल्ड वॉटर) बिजली का कुचालक है.

क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों हुआ?

जब नमक के पानी में बिजली प्रवाहित होती है तो पानी में मौजूद नमक (Nacl) आयनों में बंट जाता है. जिससे इसके 2 प्रकार के आयन बन जाते हैं :

  1. सोडियम का धनायन (Na+)
  2. क्लोरीन का ऋणायन (Cl-)

सोडियम के धनायन हमेशा बैटरी के नेगेटिव सिरे से जुड़े क्लिप (कैथोड) की ओर आकर्षित होते हैं . यहाँ ये (Na+)  सोडियम आयन इलेक्ट्रोन प्राप्त कर लेते हैं.

दूसरी ओर क्लोरीन के नेगेटिव आयन (Cl-) हमेशा बैटरी के पॉजिटिव सिरे से जुड़े क्लिप की ओर आकर्षित होते हैं, जिसे एनोड भी कहते हैं. यहाँ ये क्लोरीन आयन इलेक्ट्रोन छोड़ देते हैं.

इस प्रकार नमक के पानी में सोडियम और क्लोरीन के आयनों Na+ और Cl- के माध्यम से एक इलेक्ट्रोड से दूसरे इलेक्ट्रोड के बीच इलेक्ट्रोन्स का प्रवाह शुरू हो जाता है और नमक के पानी में बिजली बहने लगती है.

जबकि शुद्ध पानी में इलेक्ट्रोन एक इलेक्ट्रोड से दूसरे इलेक्ट्रोड तक नहीं पहुँच पाते और बिजली का प्रवाह नहीं हो पाता. इसीलिए शुद्ध पानी बिजली का सुचालक नहीं होता.



विज्ञान का यह रोचक प्रयोग करके देखिये और मुझे अपने अनुभव नीचे कमेंट सेक्शन में लिख भेजिए.

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